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फर्जी ‘Police Wali Gundi’ की असली पुलिस से लुकाछिपी
फर्जी पुलिसवाले के तो आपने खूब किस्से सुने होंगे। क्या कभी किसी फर्जी पुलिसवाली के किस्से सुने हैं। हम आपको बताते हैं एक ऐसी ही महिला के बारे में जिसके पीछे खुद पुलिस हाथ धोकर पीछे पड़ी है। लेकिन वो है कि पुलिस के हाथ ही नहीं आ रही। पिछले 10 महीनों से फरार महिला अब भी पुलिस की गिरफ्त से कोसो दूर है। पुलिस के साथ महिला का लुकाछिपी का खेल लंबे वक्त से चला आ रहा है। इस शातिर महिला ने कई लोगों के साथ साथ पुलिसवालों को भी चूना लगाया है।
कौन है फर्जी पुलिसवाली?
सोशल मीडिया पर पुलिस की वर्दी में वीडियो रील्स बनाकर सुर्खियों में रह चुकी महिला की रील्स भी आपने खूब देखी होगी। ये वही महिला है। जो आजकल पुलिस से छिपती फिर रही है। नाम है मोना बुगालिया उर्फ मूली। जो मूलत नागौर जिले की रहने वाली है। फर्जी थानेदार बनकर लंबे वक्त तक ट्रेनिंग के दौरान मोना राजधानी जयपुर में ही एक किराए के मकान में रहती थी। लेकिन खुलासा होने के बाद से मोना किराए का मकान छोड़कर फरार हो चुकी है। अब वो पुलिस से भागती फिर रही है। पिछले 10 महीने से पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश में जुटी है।
फिर सुर्खियों में मोना बुगालिया
फर्जी थानेदार मूली उर्फ मोना बुगालिया एक बार फिर से चर्चाओं में है। दरअसल जब शास्त्री नगर थानाप्रभारी दलबीर सिंह फौजदार ने कोर्ट से सर्च वारंट लिया और उनकी अगुवाई में पुलिस टीम ने मेजर शैतान सिंह कॉलोनी में मोना बुगालिया के कमरे पर सर्च कार्रवाई को अंजाम दिया। तो सबके होश उड़ गए। मोना के कमरे से पुलिस को करीब 7 लाख रुपए कैश और पुलिस की तीन वर्दियां बरामद हुई। जिनपर मोना बुगालिया का नाम लिखा था। इसके अलावा कई ऐसे प्रश्न पत्र भी मिले। जो कि राजस्थान पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग कर रहे प्रोबेशनर सब इंस्पेक्टर से सॉल्व करवाए गए थे।
कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा?
पुलिस ट्रेनिंग सेंटर राजस्थान पुलिस अकादमी में पिछले साल मोना बुगालिया सब इंस्पेक्टर की यूनिफॉर्म पहनकर नजर आने लगी। इस दौरान आरपीए में ट्रेनिंग कर रहे प्रशिक्षु थानेदारों के साथ रहती। ट्रेनिंग के दौरान ही मूली उर्फ मोना बुगालिया की कुछ ट्रेनी एसआई से अनबन होने लगी। तब असली थानेदारों को मोना की बातों पर शक होने लगा। उन्होंने मोना पर संदेह जताते हुए आरपीए के प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी। पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग कर रहे असली थानेदारों की सूचना पर आरपीए प्रबंधन ने जब गोपनीय जांच की गई तो सामने आया कि मोना उर्फ मूली बुगालिया का राजस्थान पुलिस में चयन हुआ ही नहीं था। ऐसे में आरपीए के रिजर्व इंस्पेक्टर की तरफ से मोना के खिलाफ धोखाधड़ी, पुलिस वर्दी का दुरुपयोग और अन्य धाराओं में शास्त्री नगर थाने में केस दर्ज करवाया।
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शातिर महिला फर्जी थानेदार कैसे बनी?
शातिर महिला जिसने न केवल फर्जी सब इंस्पेक्टर बन पुलिस के अधिकारियों से अपनी जान पहचान बढ़ाई बल्कि राजस्थान पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग कर रहे कई प्रोबेश्नर्स सब इंस्पेक्टर को धमकाया भी है। लेकिन इन सबके बीच बड़ा सवाल ये है कि आखिरकार उसकी देश के टॉप पुलिस ट्रेनिंग सेंटर राजस्थान पुलिस अकादमी में कैसे हुई। किसकी मिलीभगत से वो RPA जैसे संस्थान में आई। इसका खुलासा भी मोना के पकड़े जाने पर ही होगा। फिलहाल पुलिस मोना की तलाश में कई जगह छापामार कार्रवाई को अंजाम दे रही है। पुलिस को लगता है कि या तो वो जल्द ही सरेंडर करेगी नहीं तो पुलिस उसी हर हाल में दबोच लेगी।
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