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भारत में HMPV वायरस: क्या है यह नया खतरा? लक्षण, बचाव के उपाय और सच्चाई
ब्यूरो रिपोर्ट, लोकल पत्रकार। 4 साल पहले दुनिया ने एक वायरस से जिंदगी की जंग लड़ी थी। जिसके जख्म आज तक नहीं भरे। लाखों लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले वायरस के निशान आज भी कायम है। लेकिन अब एक और वायरस ने लोगों के दिलों में खौफ पैदा कर दिया है। इस वायरस का नाम है HMPV यानी कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस.. क्या ये वायरस कोरोना जितना खतरनाक है। क्या ये वायरस भी जानलेवा है। क्या है ये वायरस और कैसे ये फैलता है..क्या है इसके लक्षण…हम सब आपको बताएंगे। अपनी रिपोर्ट में.. बने रहिए हमारे साथ।
चीन ने दुनिया को सस्ते सामान के साथ साथ वायरस भी खूब दिए हैं। कोरोना के बाद अब HMPV वायरस चीन की बदौलत भारत में पहुंच चुका है। अबतक इस वायरस के तीन से चार मामले सामने आ चुके हैं। हैरानी की बात ये है कि ये वायरस भारत में सिर्फ छोटे बच्चों में पाया गया है। भारत में इस वायरस की एंट्री से संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि ये वायरस चीन और मलेशिया में अपना कहर बरपा रहा है। लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या भारत के लिए ये वायरस ज्यादा खतरनाक है या नहीं। कहीं ये वायरस भी कोरोना की तरह कहर तो नहीं बरपाएगा। तो हम आपको बताते हैं कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि ये वायरस कोई नया वायरस नहीं है। 2001 में भी ये वायरस पाया गया था। इस वायरस से डरने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि भारत इस वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और हर लेवल पर मॉनिटरिंग भी की जा रही है।
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HMPV और उसके लक्षण क्या है?
HMPV यानि की ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस है। जो सांस से जुड़ी बीमारियों की वजह बनता है। इस वायरस के ज्यादातर मामले बच्चों में पाए जाते हैं। 5 साल से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा केस मिलते हैं। इससे संक्रमित होने पर बच्चों को खांसी-जुखाम, बुखार और गंभीर मामलों में सांस लेने में दिक्कत होती है। किसी संक्रमित के खांसने और छींकने से ये वायरस फैलता है। साथ ही संक्रमित के छूने से भी ये वायरस फैल सकता है। हालांकि इस वायरस से घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। क्योंकि ये भी सामान्य फ्लू की तरह ही है। नॉर्मल इलाज से ही इस वायरस से निजात पाई जा सकती है। बशर्त वक्त रहते इस वायरस को डिटेक्ट कर लिया जाए। ये वायरस बसंत और सर्दी के मौसम में सबसे ज्यादा फैलता है। जो केस भारत में सामने आए हैं उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली है। यानि की ये वायरस भारत में पहले से मौजूद है। लेकिन फिर भी डॉक्टर्स का कहना है कि अलर्ट और सावधानी बरतने की जरूरत है ताकि इस वायरस की चपेट में ना आए।
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HMPV से कैसे करें बचाव?
सांस की बीमारियों से जुड़े बाकि वायरस की तरह ही इस वायरस से बचा जा सकता है। मसलन आपको अपने हाथ बार-बार साबुन से धोने हैं। जब भी आप छींकते या खांसते हैं तो अपनी नाक और मुंह को ढकें। या फिर कोई दूसरा शख्स खांसता या छींकता है तो भी अपने मुंह और नाक को कपड़े से ढकें या फिर मास्क का इस्तेमाल करें। अपने चेहरे, आंख, नाक और मुंह को बार-बार छूने से बचें और जब भी छूने की जरूरत पड़े तो हाथों को साबुन से जरूर धोएं। इस वायरस से बचने के लिए ऐहतिहातन कोरोना जैसी गाइडलाइन्स आप फॉलो कर सकते हैं। लेकिन इस वायरस को लेकर दिल और दिमाग में कोई डर ना बैठाएं। क्योंकि ये वायरस कोरोना जितना बिल्कुल भी खतरनाक नहीं है। बस थोड़ी सी सावधानी आपको और आपके परिवार को इस वायरस से बचा सकती है।
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