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Vidyashankar Mandir Karnataka:
बेशक विज्ञान की उपलब्धियों को लेकर अन्य विकसीत देश खुद को श्रेय देते हो, लेकिन जो अविष्कार वैज्ञानिक अब कर रहें हैं वे सर्दियों पहले भारत के विद्वान कर चुके हैं। यही नहीं हमारे देश में कुछ ऐसी इमारतें या भव्य मंदिर हैं जो हमारे देश के विद्वान की गाथा को बयान करते हैं। ऐसा ही एक मंदिर कर्नाटक में है। जो वैज्ञानिकों के लिए आज भी पहली बना हुआ है। इस मंदिर का नाम है विद्याशंकर मंदिर। जिसमें मौजूद है 12 स्तम्भ जो 12 राशियों का प्रतीक हैं। हैरत की बात यह है कि सूर्य की पहली किरण बता देती है इस वर्तमान में कौनसा महिना चल रहा है और उसमें राशि कौनसी है। यह मंदिर करीब 1338 एकड़ भू भाग पर फैला हुआ है।
मंदिर इसलिए है विशेष
इस मंदिर में 12 स्तंभ हैं जिसपर सौर्य चिन्ह बने हैं । हर सुबह जब सूरज की किरणें इसपर प्रवेश करती हैं तो वे वर्ष के महीनें का संकेत देने वाले एक विशेष स्तंभ से टकराती हैं । बताया जाता है कि श्री विद्याशंकर मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में विजयनगर शासकों की सहायता से गुरु विद्याशंकर की स्मृति में किया गया था। मंदिर में वेणुगोपाल और श्रीनिवास की रूबी छवियां और एक बड़े मोती से बने नंदी हैं। मंदिर के कई शिलालेख विजयनगर शासकों द्वारा किए गए योगदान का वर्णन करते हैं। इस मंदिर में आदि शंकरम् मंदिर में स्थापित शारदाम्बा की एक टूटी हुई चंदन की मूर्ति भी है, जिसे स्वयं आदि शंकर ने स्थापित किया था।
गुरु का समर्पित कर दिया मंदिर
श्री आदि शंकराचार्य के शिष्य सुरेश्वराचार्य इस मठ के पहले प्रमुख थे। इस मठ के सबसे प्रसिद्ध पौंटिफ में से दो विद्या शंकर और उनके शिष्य विद्यारण्य थे। विद्यारण्य कर्नाटक के में एक महान व्यक्ति थे और दक्षिण भारत के भी। उनके काल ने दक्षिण में मुस्लिम आक्रमणों देखें। माना जाता है कि विद्यारण्य के दो शिष्य हरिहर और बुक्का ने अपने गुरु की समाधि के ऊपर एक मंदिर का निर्माण करवाया था। इस मंदिर को विद्याशंकर मंदिर के नाम से जाना जाता है।
सूर्य के रथ जैसा है मंदिर
विद्याशंकर एक सुंदर और दिलचस्प मंदिर है। जिसकी वास्तुकला एक पुराने रथ जैसी है। एक समृद्ध मूर्तिकला पर खड़े इस मंदिर में छह दरवाजे हैं। यहां पांच मंदिर हैं। मुख्य मंदिर में श्री विद्याशंकर की समाधि के ऊपर एक शिवलिंग है और इसे विद्या शंकर लिंग के रूप में जाना जाता है। अन्य मंदिर भगवान ब्रह्मा, विष्णु, शिव और देवी दुर्गा को समर्पित हैं।