Home न्यूज़ नामा Covishield vaccine : क्या आपने भी कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई है? डरे नहीं ये ख़बर आपके लिए ही है।

Covishield vaccine : क्या आपने भी कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई है? डरे नहीं ये ख़बर आपके लिए ही है।

by Local Patrakar
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Covishield vaccine : क्या आपने भी कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई है? डरे नहीं ये ख़बर आपके लिए ही है।

Covishield vaccine:

कोरोना के दिए जख्मों से पूरे विश्व की जनता अभी सदमे से उभरी ही थी.. कि एक वैक्सीन कंपनी के कबूलनामे ने फिर से लोगों के दिलों में दहशत पैदा कर दी। महामारी के करीब 4 साल बाद अब ब्रिटेन की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन लोगों में दुर्लभ दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है… इस ख़बर के मीडिया में आने के बाद से भारत के लोगों में डर बैठ गया है..।।

एस्ट्राजेनेका-कोविशील्ड वैक्सीन कनेक्शन

दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका और कोविशील्ड वैक्सीन का कनेक्शन है। दरअसल भारत में इस कंपनी की वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है.. सीरम इंस्टीट्यूट ने एस्ट्राजेनेका के फॉर्मूले से कोविशील्ड की मैन्युफैक्चरिंग की थी और मिलकर बनाया गया था। भारत में करोड़ों लोगों को ये वैक्सीन लगाई गई थी।

एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में क्या कहा

एस्ट्राजेनेका कंपनी पर आरोप हैं कि उनकी वैक्सीन लगने के बाद से कई लोगों की जाने गई, जिसके जवाब में एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटिश कोर्ट में माना कि उसकी वैक्सीन से लोगों में दुर्लभ दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। ये वैक्सीन टीटीस का कारण बन सकती है, जिससे खून का थक्का जमता है। हालांकि कंपनी ने ये भी दावा किया है कि माना इसके कुछ दुर्लभ दुष्प्रभाव हो सकते हैं लेकिन इस वैक्सीन से फायदे कहीं ज्यादा हुए हैं। कंपनी का कहना है कि मरीजों की सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है, इसलिए उनका हर कदम कड़े मानकों से होकर गुजरता है।

Covishield vaccine : क्या आपने भी कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई है? डरे नहीं ये ख़बर आपके लिए ही है।

भारत के डॉक्टर की राय

इस ख़बर के आने के बाद से लोग अपने दिलों को थाम कर बैठ गए हैं लेकिन भारतीय डॉक्टर्स का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है। अगर वैक्सीन का साइड इफेक्ट होता तो वो 6 महीनों के अंदर की नजर आ जाता और अब तो वैक्सीन लगे कई साल बीत चुके हैं। TTS यानि की थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम विद थ्रोम्बोसिस नामक साइड इफेक्ट होता है। लेकिन टीटीएस कोविड के टीकों ही नहीं बल्कि कई अन्य टीकों के प्रतिकूल प्रभाव से भी जुड़ा है। इतना ही नहीं आईसीएमआर की एक रिपोर्ट में सामने आया था कि कोविड वैक्सीन हार्ट अटैक और लकवे का कारण नहीं है।

क्या होता है TTS

TTS यानि की थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम विद थ्रोम्बोसिस नामक साइड इफेक्ट होता है। TTS से शरीर में खून के थक्के बनने लगते हैं जिससे प्लेटलेट्स काउंट्स डाउन हो जाते हैं और उसकी वजह से ही बाकि बीमारियों को जन्म मिलता है। हालांकि ये साइड इफेक्ट्स किसी वैक्सीन के रिएक्शन के एक से 6 महीने के बीच हो जाता।

घबराएं नहीं सतर्क रहें

भारत के कई डॉक्टरों का मानना है कि अभी जो न्यूज सामने आई है वो प्री मैच्योर है। इसलिए लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। लोगों को ऐसी खबर से अभी दहशत में नहीं होना चाहिए और फाइनल रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए, हालांकि डॉक्टर्स ने ये भी कहा है कि अपने शरीर की देखभाल करें। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लें।

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