जयपुर की Utkarsh Coaching सील: गैस लीकेज से कई छात्राएं बेहोश, FSL ने सीवरेज के पानी के सैंपल लिए
जयपुर की Utkarsh Coaching को सील कर दिया गया है। यह कार्रवाई सोमवार सुबह यहां पहुंची ग्रेटर नगर निगम की टीम ने की। FSL की टीम ने यहां सीवरेज के पानी के सैंपल भी लिए हैं। रविवार (15 दिसंबर) को इस कोचिंग में क्लास के दौरान कई छात्राएं बेहोश हो गई थीं। कहा जा रहा था कि गैस लीकेज के कारण ऐसा हुआ। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
दूसरी ओर, पुलिस से झड़प के बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी की निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी समेत कई छात्र नेता अभी भी समर्थकों के साथ धरने पर बैठे हैं।
एसीपी सोडाला योगेश चौधरी ने बताया- कोचिंग छात्राओं की हालत बिगड़ने के बाद 5 छात्राओं को एसएमएस अस्पताल ले जाया गया। यहां उपचार के बाद रात को उन्हें छुट्टी दे दी गई, जबकि दो कोचिंग छात्राएं अभी भी सीके बिड़ला अस्पताल में भर्ती हैं।
रविवार शाम को क्लास के दौरान हुआ गैस रिसाव
रविवार शाम करीब 6:45 बजे जयपुर के महेश नगर स्थित उत्कर्ष कोचिंग की दूसरी मंजिल पर क्लास चल रही थी। इस दौरान सीवरेज लाइन से आ रही दुर्गंध के कारण छात्र बेहोश होने लगे। उत्कर्ष कोचिंग क्लासेज के प्रबंधन ने 108 एंबुलेंस को फोन किया। इस दौरान बेहोश छात्रों को अन्य छात्रों ने कंधे पर उठाकर बाहर निकाला और एंबुलेंस की मदद से उन्हें पास के निजी अस्पताल पहुंचाया।
मौके पर 6 थानों की पुलिस बुलानी पड़ी
देर रात राजस्थान यूनिवर्सिटी के निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे। छात्र नेताओं और उनके समर्थकों की पुलिस से झड़प हो गई। कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया। इसके बाद निर्मल चौधरी समेत सभी छात्र नेता धरने पर बैठ गए। छात्र नेता निर्मल चौधरी और विकास विधूड़ी समेत 20 छात्र रातभर उत्कर्ष कोचिंग सेंटर के सामने धरने पर बैठे रहे।
सभी कोचिंग संस्थानों की हो जांच
सोमवार सुबह छात्र नेताओं ने धरना स्थल (महेश नगर) पर कहा- उत्कर्ष कोचिंग को सील करने और प्रदेश के सभी कोचिंग संस्थान नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं इसकी जांच की मांग की है। छात्र नेता विकास विधूड़ी ने कहा- हम रात से ही धरने पर बैठे हैं। कोचिंग संस्थान जेडीए-नगर निगम के नियमों के अनुसार नहीं चल रहे हैं। इसे सील किया जाना चाहिए। साथ ही सभी कोचिंग संस्थानों की जांच होनी चाहिए। ताकि पता चल सके कि वे मानकों का पालन कर रहे हैं या नहीं। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
अगर भगदड़ होती तो कई छात्रों की जान जा सकती थी
छात्र नेता निर्मल चौधरी ने कहा- मुझे कल सूचना मिली कि कोचिंग छात्रों की हालत खराब हो गई है। मैं दस मिनट बाद ही यहां पहुंच गया। मैंने देखा कि पुलिस कोचिंग माफिया की ढाल बन गई है। कुछ छात्रों को किसी अस्पताल भेजा गया तो कुछ को कहीं और। छात्रों को कहां ले जाया गया, इसकी हमें जानकारी नहीं है। ऐसे में हम रात को कोचिंग के सामने धरने पर बैठ गए। कोचिंग के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इसे सील किया जाना चाहिए।
दंगा नियंत्रण वाहन भी बुलाया गया
स्थिति बिगड़ती देख पुलिस प्रशासन ने रविवार रात करीब 11 बजे दंगा नियंत्रण वाहन भी बुलाया। इसके अलावा पुलिस लाइन से रिजर्व फोर्स भी तैनात की गई।
दूसरी मंजिल पर चल रही थी क्लास
एसएचओ (महेश नगर) कविता शर्मा ने बताया- उत्कर्ष कोचिंग ऋद्धि-सिद्धि तिराहा के पास एक बिल्डिंग में चलती है। 15 दिसंबर की शाम को दूसरी मंजिल पर कोचिंग के कमरा नंबर 201 में क्लास चल रही थी। शाम करीब 6:45 बजे क्लास के दौरान अजीब सी बदबू आने से क्लास में मौजूद 12 से ज्यादा छात्र बेहोश होने लगे।
प्रत्यक्षदर्शी छात्र ने कहा- छात्रों को बाहर निकालने में परेशानी हुई
प्रत्यक्षदर्शी छात्र युधिष्ठिर ने बताया- यह घटना क्लास नंबर 201 में हुई। वैसे तो इस क्लास रूम में करीब 800 बच्चे बैठते हैं, लेकिन आज रविवार होने के कारण सिर्फ 350 छात्र ही आए थे। सबसे बड़ी दिक्कत यह रही कि बेहोश छात्राओं को बाहर निकालने में 15 से 20 मिनट लग गए। इलाज में कोई दिक्कत नहीं आई। छात्राओं को उठाकर बाहर लाने में दिक्कत आई। हम भी उसी क्लास के अंदर थे। अजीब सी बदबू आ रही थी, हम सभी को अचानक खांसी आने लगी।
उन्होंने बताया- क्लास में हालात देखकर हड़कंप मच गया। उत्कर्ष कोचिंग क्लास के प्रबंधन ने एंबुलेंस बुलाकर बेहोश छात्राओं को पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों का कहना है कि सभी की हालत में सुधार है। शुरुआती पूछताछ में बच्चों ने बताया कि अजीब सी बदबू आने के बाद वे बेहोश हो गए थे।
निर्मल चौधरी के समर्थकों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प
घटना की जानकारी मिलने के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय के निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी समेत अन्य छात्र नेता सोमानी अस्पताल के बाहर जमा हो गए। निर्मल चौधरी कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस दौरान उनकी पुलिसकर्मियों से झड़प हो गई।
पूरी घटना के लिए प्रशासन जिम्मेदार
छात्र नेता निर्मल चौधरी ने कहा- प्रशासन के लोग हमसे बात करने आए थे। कोचिंग के छात्रों के सपनों का उनकी जिंदगी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा- ये छात्र यहां पढ़ने आते हैं, मौत का सामना करने नहीं आते। इस पूरी घटना के लिए सरकार और प्रशासन जिम्मेदार है। कोचिंग माफिया जिम्मेदार है। इस कोचिंग का मालिक जिम्मेदार है।
नगर निगम की टीम भी पहुंच गई थी
सूचना मिलने पर ग्रेटर नगर निगम मानसरोवर जोन की टीम जांच के लिए पहुंची। तब तक कोचिंग प्रबंधन ने बिल्डिंग पर ताला लगा दिया था। जोन उपायुक्त लक्ष्मीकांत कटारा ने बताया कि कोचिंग में कक्षाएं चल रही थीं। वहां से आ रही बदबू पीजी हॉस्टल की सीवर लाइन से आ रही होगी।
पूर्व सीएम बोले- कोचिंग हब में शिफ्ट की जाए
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा- जयपुर में रविवार रात को एक कोचिंग संस्थान में हुआ हादसा चिंताजनक है। मैं इस हादसे में घायल हुए विद्यार्थियों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। कोचिंग संस्थानों में इस तरह के हादसे कभी भी बड़ा रूप ले सकते हैं। यहां क्षमता से अधिक विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है, जो उचित नहीं है। हमारी सरकार के समय कोचिंग संस्थानों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। भीड़भाड़ वाले इलाकों की जगह अच्छे माहौल के लिए प्रताप नगर (जयपुर) में सोच-समझकर कोचिंग हब बनाया गया। कोचिंग संस्थानों के उचित प्रबंधन के लिए बनाए गए दिशा-निर्देशों को लागू करना वर्तमान राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। सभी कोचिंग संस्थानों को तत्काल पिछली सरकार द्वारा बनाए गए कोचिंग हब में शिफ्ट किया जाना चाहिए।
सचिन पायलट ने कहा- हादसे की गहनता से जांच होनी चाहिए
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा- जयपुर में एक कोचिंग संस्थान में गैस रिसाव के कारण कई विद्यार्थी तबीयत बिगड़ने से बेहोश हो गए। यह बहुत चिंताजनक घटना है। इसकी जांच होनी चाहिए। मैं राज्य सरकार से मांग करता हूं कि इस हादसे की गहनता से जांच की जाए और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही सरकार सभी कोचिंग संस्थानों के लिए सुरक्षा नियम जारी कर उनका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। मैं प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर सभी विद्यार्थियों को सुरक्षित रखें।
Sambhal Mandir: 400 साल पुराना मंदिर संभल (Sambhal) में मिला, जाने कैसे और क्यों था 1978 से बंद
टीकाराम जूली ने घटना को चिंताजनक बताया
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस घटना को बेहद चिंताजनक बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया- यह घटना न केवल विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए खतरनाक है, बल्कि यह हमारी शिक्षा व्यवस्था की खामियों को भी उजागर करती है।
(देश-दुनिया की ताजा खबरें सबसे पहले Localpatrakar.com पर पढ़ें, हमें Facebook, Instagram, Twitter पर Follow करें और YouTube पर सब्सक्राइब करें।)