Rajasthan News: शर्मसार हुआ राजस्थान, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा जल जीवन मिशन
मुख्य बिंदु
- शर्मसार हुआ राजस्थान, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा जल जीवन मिशन
- जल जीवन मिशन में फिसड्डी राजस्थान
- देश में नीचे से दूसरे पायदान पर राजस्थान
- 900 करोड़ के घोटाले के कितने जिम्मेदार ?
- साल बीते, सिस्टम बदला लेकिन भ्रष्टाचार नहीं !
- JJM में राजस्थान का 32वां स्थान
- डीग-बाड़मेर में 25 फीसदी से भी कम कनेक्शन
ब्यूरो रिपोर्ट, लोकल पत्रकार: देश के हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी। साल 2019 में जेजेएम की शुरुआत की गई थी। राज्यों की मदद से हर घर जल कनेक्शन होने थे। लेकिन पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में राजस्थान निचले से दूसरे पायदान पर काबिज है। देश के 33 राज्यों की लिस्ट में राजस्थान 32वें स्थान पर है। इतने साल बीत जाने के बाद भी राजस्थान की रैंकिंग में सुधार ना के बराबर है। एक वक्त ऐसा भी आया था जब राजस्थान पड़ोसी राज्य यूपी से भी आगे था। लेकिन आज राजस्थान अपने पड़ोसी राज्य से भी काफी निचले स्थान पर है।
मरुधरा में जल जीवन मिशन के आंकड़े शर्मसार कर देने वाले है। आपको जानकर हैरानी होगी राजस्थान में अबतक सिर्फ 53 फीसदी ही कनेक्शन हो पाए हैं। अब भी 47 फीसदी कनेक्शन होने बाकी है। इतना ही नहीं मरु भूमि की ऐसी कोई धरा नहीं है जहां पर 100 फीसदी कनेक्शन हो चुके हों। प्रदेश के 15 से ज्यादा तो ऐसे जिले हैं जहां 50 फीसदी भी कनेक्शन नहीं हुए। साथ ही दो जिले ऐसे भी हैं जो 25 फीसदी से भी कम कनेक्शन कर पाए। इन दो जिलों में डीग और बाड़मेर का नाम शुमार है। सबसे कम बाड़मेर में 15.80 फीसदी कनेक्शन हुए। तो डीग में ये 23.33 फीसदी का है। हालांकि दूदू और शाहपुरा दो ऐसे जिले हैं जिनका 95 प्रतिशत तक जा पहुंचा है।
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ऐसा नहीं है कि जल जीवन मिशन के टारगेट को देश में किसी भी राज्य ने पूरा नहीं किया। देश के 11 ऐसे राज्य हैं जिन्होने 100 परसेंट कनेक्शन का टारगेट वक्त रहते अचीव किया है। जिनमें अंडमान-निकोबार,दादरा नागर हवेली-दमनदीव, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पुंडुचेरी, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, हरियाणा, मिजोरम और पंजाब शामिल है। जबकि राजस्थान नीचे से दूसरे स्थान पर मौजूद है। राजस्थान की गांव ढाणियों में तो 11 प्रतिशत तक कनेक्शन पहले से ही थे। हालांकि राजस्थान में जेजेएम घोटाले को लेकर कई ख़बरे आपने देखी और सुनी भी होगी। जल जीवन मिशन घोटाले की जांच पहले एसीबी फिर ईडी और अब सीबीआई को सौंपी गई है। मौजूदा सरकार का कहना है कि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान जेजेएम में जमकर बंदरबांट हुई। 900 करोड़ के घोटाले की वजह से आज मरुधरा का सिर शर्म से नीचा हो गया है।
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